जे तहरा खातिर काँट बने

जे तहरा खातिर काँट बने तू कर दऽ ओकरा भाला,
उहो सार समुझ जइहन कि पड़ल केहू से पाला चार जनम प्यार हऽ!
अनुभव मिलो.बाद भरल पूरल परिवार छोड़ के गुजर गइलन.

No comments:

Post a Comment