नदी में जहाज तू

नदी में जहाज तू,
अकास में के चाँद तू.
फूल में गुलाब तू,
हीरा में कोहिनूर तू,
सबले बढ़ के
हमरा बाग के लंगूर तू!
 बाद भरल पूरल परिवार छोड़ के गुजर गइलन.

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