पेन्सिल पाँच बाति सिखावेले

पेन्सिल पाँच बाति सिखावेले :-
जवन कुछ करबऽ ओकर निशान रहि जाई
तू आपन गलती हमेशा सुधार सकेलऽ.
असल चीज बा जवन तहरा भीतर बा.
जिन्दगी अक्सरहाँ दुखदायी तरीका से तहरा के चोख करी.
सबसे बड़ बाति कि
अपना के उपरवाला के इशारा पर छोड़ दऽ जेकरा हाथ तहरा के सम्हरले बा.

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