करबू तू याद कभी

करबू तू याद कभी कहत राठौर रहे,
बूझबू तू प्रीत हमार, हमरा गुजरला पर.
तबहूँ बहईह मत अँखियन से लोर कभी,
पानी ना छिड़काला आगी में जरला पर.

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