बहत गंगा में

बहत गंगा में हाथ जरुर धोवे के चाहीं,
बड़ा पुन्न होला!

खइले के ना हऽ, पचवलो के हऽ
काजर कइले के ना हऽ, मटकवलो के हऽ.

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